Saturday, November 20, 2010

पटनावाला माट्सा

दूसरी कक्षा में गया तो एक और शिक्षक से नाता जुड़ा. दरअसल वे नए–नए विद्यालय में आए थे. वैसे उनका नाम सूर्यदेव पासवान था लेकिन हम बच्चे उन्हें नयका माट्सा (मास्टर साहब का संक्षिप्त रूप) या पटनावाला माट्सा कहते. वे गहरे काले रंग के थे. लेकिन थे सफाई पसंद. उनके वस्त्र झक झक सफ़ेद होते. प्रायः प्रत्येक शनिवार को वे प्रार्थना से पहले पी.टी. की घंटी में प्रत्येक छात्र का बारीकी से अध्ययन करते. कौन स्नान करके आया है या नहीं इसकी पूरी खबर ली जाती. एक-एक बच्चे के नाख़ून देखे जाते कि वे कायदे से काटे गए हैं अथवा नहीं. जो पकड़ में जाते उनकी पिटाई तय थी. वे खुद भी अपनी सफाई का ध्यान रखते. उनके बाल कायदे से कटे हुए होते. कानों के आसपास के पके बाल अच्छे लगते. कभी कभी विद्यालय गमकउआ जरदा का पान खाये आते. उनके वास्ते हमलोग कभी मटर की फलियां तोड़कर लाते तो कभी चना-खेसारी का साग काटते. कभीकभी सत्तू की भी मांग भी रखते. पटना जैसे शहर में तब इन चीजों को और भी मूल्यवान समझा जाता रहा होगा. कोर्स की किताबों के साथसाथ वे हमें कहानियाँ भी सुनाते. अधिकतर कहानियां रामायणमहाभारत से होतीं. इन कहानियों को सुन मेरा मन रोमांचित हो उठता. त्याग और वीरता की कहानियाँ सुनते हुए ऐसे भाव सहज ही पैदा होने लगते. मेरे व्यक्तित्व को गढ़ने में निश्चय ही उनका और उनकी कहानियों का योगदान है. पटने में वे एक बार दूर से दिखे तो पहचान में नहीं रहे थे. बुढ़ापे की वजह से चेहरा बदल गया था और कपड़ों की वह चमक भी जाती रही थी. हाँ जब उनको याद करता हूँ तो एक और रूप ध्यान में आता है. वे कुछ दिनों तक विद्यालय धोती की जगह लुंगी में आया करते थे. उन दिनों तो इस विशिष्टता के बारे में सोंच नहीं पाया था लेकिन अब उसका अर्थ समझ में आता है. दरअसल उन्होंने परिवार नियोजन कराया था. इंदिरा गाँधी के शासन का यह अंधा दौर था जब बड़ी संख्या में लोगों का उनकी इच्छा के विरुद्ध बंध्याकरण कर दिया जाता था. थोड़ दिनों तक हम बच्चे भी अकेले निकलने में डर महसूस करते. इस अभियान की यह बुरी याद अबतक बनी हुई है.

2 comments:

  1. I feel that writing on old teachers is a very good idea. You can also start a column on the " teachers who influenced me most or who made me".It can be very interesting.

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  2. शिक्षकों की याद आप के मन में सुंदर रूप में बसी है.आपातकाल की पहचान नसबंदी से जुडी तो थी.

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